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माँगने से मिल सकती नहीं हमें एक भी ख़ुशी,
पाये हैं लाख रंज तमन्ना किये बगैर।
दौर नहीं रहा अब किसी से वफ़ा करने का,
हद से ज्यादा प्यार करो तो लोग मतलबी समझने लग जाते है।
शौंक नहीं है मुझे अपने जज़्बातों को यूँ सरेआम लिखने का मगर क्या करूँ,
अब जरिया ही ये है तुझसे बात करने का ।
अक्सर कमजोर बना देती है तारीफे,
जब सामने आती है हकीकत की दीवारें
छुपा ले मुझे अपने सांसो के दरमियां
कोई पूछे तो कहना ज़िन्दगी है मेरी
हर गरीब पर इतनी दया करना ऐ रब,
दिल भले ही टूट जाए पर मोबाइल न टूटे
ऐ देखने वालो मुझे हँस हँस के न देखो
तुम को भी मोहब्बत कहीं मुझ सा न बना दे
ऐ हवाओं, सुनो ज़रा
पैगाम ऐ मोहब्बत न लाओ
गर मिज़ाज इतना आशिकाना है तो मेरा महबूब ले आओ
रिहा हो गयी वो बाइजजत मेरे कत्ल के इल्ज़ाम से
शोंख निगाहों को अदालत ने हथियार नहीं माना!!!
तुमने मांगी ही नही साथ दुआएं मेरे,
बात बिगड़ी हुई आमीन से बन सकती थी
तुम्हारा नाम लेती थी, बहारे रक्स करती थी,
अब तुम्हारा नाम लेती हूँ, कलेजा मुँह को आता है
वो तलब न था अता था ख्वाहिश न था दुआ था,
वो कभी भी ना जान सके वो मेरे लिए क्या था
ना जाने किस हुनर को शायरी कहते होंगे लोग
हम तो वो लिख रहे हैं जो किसी से कह नहीं पाते
मेरे हालात पर मुस्कुराते हो साहब
बद्दुआ है तुम्हें भी इश्क हो जाए
तुमसे उदास रहकर कहाँ जाऊँगा
अगर हुआ तो बिना मौत मर जाऊँगा
खुले आसमान में छत पे सोने जैसा तेरा इश्क़
चांदनी की बाहों में चाँद के होने जैसा तेरा इश्क़
मुनासिब समझो तो सिर्फ इतना ही बता दो…
दिल बैचैन हैं बहुत, कहीं तुम उदास तो नहीं…
फिक्र है सब को, खुद को सही साबित करने की
जैसे ये जिन्दगी, जिन्दगी नही, कोई इल्जाम है
बनाया तो था खुद की जिंदगी के लिए
मगर दिल किसी और के लिए धड़कने लगा
लफ्जों से इतना आशिकाना ठीक नहीं है ज़नाब,
किसी के दिल के पार हुए तो इल्जाम क़त्ल का लगेगा
मुश्किल बस इतनी है हमें जताना नहीं आता,
इल्ज़ाम ये लगा है कि हमें निभाना नही आता
मेरे सीने मे खंजर उतार दो*
कि मैने तुम पर भरोसा किया था
जरूर थोड़ा इश्क मिलाया होगा उसने
वरना खाली जहर से हम कहाँ मरते
तेरी आँखों में जब से मैंने अपना अक्स देखा है
मेरे चेहरे को कोई आइना अच्छा नहीं लगता
बिन तुम्हारे कभी नहीं आयी
क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है
खूबसूरती अक्सर सांवलेपन में ही होती है
गोरे तो तब भी फरेबी थे और अब भी फरेबी।
तुमसे मिलना गीत, ग़ज़ल कव्वाली होती है,
रोशन होता है हर दिन, हर रात दीवाली होती है।
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