This post contains sangrah in hindi, shayari sangrah love, shayari sangrah facebook,shayari sangrah fb, shayari sangrah image, shayari sangrah hindi, sad shayari in hindi.
कितना लुत्फ ले रहे हैं लोग मेरे दर्द-ओ-ग़म का,
ऐ इश्क देख तूने तो मेरा तमाशा ही बना दिया।
रात को कह दो, कि जरा धीरे से गुजरे;
काफी मिन्नतों के बाद, आज दर्द सो रहा है।
छोड़ तो सकता हूँ मगर छोड़ नहीं पाता उसे,
वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरह है।
जिसकी गलतियों से भी मैंने रिश्ता निभाया है,
उसने बार बार मुझे फ़ालतू होने का एहसास दिलाया है।
मैंने प्यार समझ के सब्र रखा,
उसने कमजोर समझ कर मजाक बना दिया !!
सबको मैं ही क्यूँ समझु,
कोई कभी हमें भी तो समझे।
अब क्या करोगे मेरे पास आ कर,
खो दिया तुमने मुझे बार बार आजमा कर ।
वो जो कहते थे वक्त ही वक्त है तुम्हारे लिये,
आज कहते है तुम्हारे सिवा और भी काम होते है !!
जब नाराजगी अपनों से हो तो खामोशी ही अच्छी,
अब हर बात पर जंग हो ये जरुरी तो नहीं !!
उनके हाथ पकड़ने की मजबूती जब ढीली हुई तो एहसास हुआ
शायद ये वही जगह है जहां रास्ते बदलने है ….
हम बने ही थे तबाह होने के लिए..
तेरा छोड़ जाना तो महज़ इक बहाना था.!!
नादानी की हद है जरा देखो तो उन्हें,
मुझे खो कर वो मेरे जैसा ढूढ़ रहे हैं।
सजा है मौसम तुम्हारी महक से आज फिर,
लगता है हवायें तुम्हें छू कर आयी हैं।
सिर्फ दिल का हक़दार बनाया था तुम्हे,
हद हो गयी तुमने तो जान भी ले ली..
थक गया दर्द भी, अपनी अदाकारी करते करते,
ऐ खुशी कभी तू भी अपना किरदार निभा दे।
बस एक चेहरे ने तन्हा कर दिया हमे वरना हम खुद महफिल हुआ करते थे
यही सोच कर उसकी हर बात को सच मानते थे,
कि इतने खुबसूरत होंठ झूठ कैसे बोलेंगे।
हम बिगड़े लोग है साहब,
एक बार ही करते है मोहब्बत हो या दुश्मनी।
तू हमें कुछ इस तरह बर्बाद करें,
एक जमाने तक ये जमाना मुझे याद रखे।
लोग कमियाँ निकालते रहे मुझमें,
मैं खामोशी से सफलता के रास्ते पर चल पड़ा।
ज़िक्र और फिकर करना छोड़ दो,
समझदार होगा तो आयेगा वरना भाड़ में जायेगा।
दुश्मनी जम कर करो लेकिन इतनी गुंजाइश रहे,
जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिंदा कोई न हो।
अनदेखे बेनाम धागों से यूँ बाँध गया कोई,
कि वो साथ भी नही औऱ हम आजाद भी नही।
जा और कोई ज़ब्त की दुनिया तलाश कर,
ऐ इश्क़ हम तो अब तेरे काबिल नहीं रहे।
कहाँ ढूँढ़ते हो तुम इश्क़ को ऐ-बेखबर,
ये खुद ही ढून्ढ लेता है जिसे बर्बाद करना हो।
मोहब्बत भी ठंड जैसी है,
लग जाये तो बीमार कर देती है।
बंद कर दिए है हमने दरवाज़ें इश्क के,
पर तेरी याद हे की दरारों मे से भी आ जाती हैं।
नहीं मिला कोई तुम जैसा आज तक,
पर ये सितम अलग है की मिले तुम भी नही।
Read Also;
0 Comments