Emotional Shayari
मुफ्त में मिल जाऊँ राय थोड़ी हूँ,
हर किसी को पसंद आऊँ चाय थोड़ी हूँ।
कुछ यूँ भर लिया है मैंने अपनी आँखों में उन्हें,
अब ये आइना मुझे मेरी तस्वीर नहीं दिखाता।
तुम थोड़ा कम मुस्कुराया करो,
डूब मरेंगे हम तुम्हारे गालों के गड्ढे में।
सलीके हमें भी आते है उन्हें कब्ज़े में करने के,
मुर्शिद उनसे कहदो अपनी अदाओं पर गुरूर न करें।
तुम आओ चाहे हर रोज़ या हर इतवार,
मैं पहनूंगी सादा सा कुर्ता तुम बनना मेरा श्रृंगार।
कहने को मोहब्बत है पर गुरूर भी रखते हो,
तुम ही बताओ अब ऐसा कैसे मुमकिन हो।
अपनी मसरूफियत की दुहाई ना दे,
वास्ता हमारा भी फुर्सतों से नहीं हैं।
मुझसे कोई ताल्लुक तो है नहीं उसका फिर,
क्यों वो उदास रहता है इक मेरे रूठ जाने से।
मैं इज़हार करूँ तो ना भी हो सकती है,
तुम करो तो हां की ज़िम्मेदारी मेरी।
उसका नाम भी बस उसी पर अच्छा लगता था,
उस नाम का अब कोई भी अच्छा नही लगता।
एक ही चेहरे की अहमियत हर एक की नजर में अलग अलग क्यों है,
उसी चेहरे पर कोई खफा तो कोई फिदा क्यों है।
गुज़र रही है ज़िन्दगी,
तुम नहीं तो ना सही।
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