Romantic Shayari: नमस्कार दोस्तो, हम आज आप सब के लिए रोमांटिक शायरी लेकर आए है। इस पोस्ट मेे कुछ ऐसे चुनिंदा शायरी है हो आपको जरूर अच्छा लगेगा। तो उम्मीद आपसे करते है की आप इस पोस्ट को पोस्ट को पसंद करेंगे और अपने दोस्तो के साथ खूब शेयर करेंगे।
आप मुझको याद करके रोती हैं,
छोड़िये न मजाक की बातें |
अब जा के वाक़ई में मुकम्मल हुआ है इश्क़
इक दूसरे की हमको ज़रूरत नहीं रही
हूँ तन्हा तो निकलना छोड़ दूँ क्या,
मैं सूरज हूँ चमकना छोड़ दूँ क्या.
बुझूंगा एक दिन ये जानता हूँ,
मगर इस डर से जलना छोड़ दूँ क्या.
Source Image - Dard Shayari
नहीं रहता है वो ये जानकर मैं,
गली से भी गुज़रना छोड़ दूँ क्या.
मैं भाता तो नहीं हूँ आईनों को,
तो मैं सजना संवरना छोड़ दूँ क्या.
अगर क़िस्मत में बर्बादी लिखी है,
तो मैं क़िस्मत बदलना छोड़ दूँ क्या
अगर उम्मीद ने छोड़ा है दामन,
इरादों से भी लड़ना छोड़ दूँ क्या.
समंदर गर नहीं हूँ मैं हूँ दरिया,
किनारों पर मचलना छोड़ दूँ क्या.
जो अच्छा लगता है उसे गौर से मत देखो
ऐसा न हो कोई बुराई निकल आए
जो बुरा लगता है उसे गौर से देखो..
मुमकिन है कोई अच्छाई नजर आ जाये
जिसके लिए तोड़ दी मैंने सारी सरहदें,
आज उसी ने कह दिया कि जरा हद में रहा करो।
अकेला हो गया हूँ इस ज़माने में,
इसलिए डरता हूँ सच बताने में,
ग़म छुपाने की जरुरत अब नहीं पड़ती,
क्यूँ माहिर हो गया हूँ मुस्कुराने में।
जहाँ दूसरों को समझाना मुश्किल हो जाये,
वहाँ खुद को समझा लेना ही बेहतर होता है
मेरी तन्हाई में तेरा आलम बड़ा सुहाना है
तू है मेरी या नहीं, इस तन्हाई में तुझे ही आना है!
बड़ी ताब्दीलियां लाए हैं अपने आप में लेकिन
तुम्हें बस याद करने की वो आदत अब भी बाक़ी है
तुम्हारे दो शब्द के बीच का मौन हूं मै
दोबारा मत पूछना कौन हू मै.....
नसीब की बारिश कुछ इस तरह से होती रही मुझ पर....
ख्वाइशें सूखती रही और पलकें भीगती रही।
वो नही मिला तो मलाल क्या, जो गुज़र गया सो गुज़र गया
उसे याद करके ना दिल दुखा, जो गुज़र गया सो गुज़र गया
बात दिल की थी इसलिए... मैंने तुमसे दिल खोल कर मोहब्बत की..
देखो कितना बदल गया हूं मैं.
ठोकरें खा-खा कर अब संभल गया हूं मै
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है
नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है।
सवालों की तरह होते हैं, कभी जवाबों की तरह होते हैं
ये हम जैसे शख्स़ अक्सर किताबों की तरह होते हैं ।।
तेरे हक में बयान देकर, मुक़दमा हार आये हैं ।
इश्क में कुछ गुनाह सवाबों की तरह होते हैं ।।
जिस्मों का मिलन मुहब्बत है आजकल ।
रिश्ते आजकल हिसाबों की तरह होते हैं ।।
इस कदर बेतरतीब हूँ की सुकून के लमहात ।
मिलते तो हैं मगर अजाबों की तरह होते हैं ।।
निकले तो थे आँख से आँसू की तरह हम ।
ये तेरा हुनर है की अब सैलाबों की तरह होते हैं ।
किसी दिन लो, मुझसे मेरे सारे दिन का हिसाब ।
और फिर ढूँढ लो, खुद के सिवा कोई और मुझमे
जिन्दगी के बारे मे इतना ही लिख सका हुँ मै
कुछ गहरे रिश्ते थे कमजोर लोगो से ...!!
कमाल करता है ऐ दिल उसे तेरे लिए
फुर्सत नहीं और तूझे उसके लिए एक पल चैन नहीं
जब थामा था हाथ तेरा पहली बार..
जैसे किसी ने सर्दी में ठिठुरते हाथों में चाय कि प्याली दे दी हो।
उस ने दूर रहने का मशवरा भी लिखा है,
साथ ही मुहब्बत का वास्ता भी लिखा है,
उस ने ये भी लिखा है मेरे घर नहीं आना,
साफ़ साफ़ लफ़्ज़ों में रास्ता भी लिखा है,
कुछ हरूफ लिखे हैं ज़ब्त की नसीहत में,
कुछ हरूफ में उस ने हौसला भी लिखा है,
शुक्रिया भी लिखा है दिल से याद करने का,
दिल से दिल का है कितना फ़ासला भी लिखा है,
क्या उसे लिखें क्या उसे कहें,
जिस ने कर के बे-जान, फिर जान-ए-जाँ भी लिखा है..!!
वो जो सूरत है बड़ी खूबसूरत है।
शिद्दत से तराशी हुई खुदा की एक मुरत है।।
आँखों में नजा़कत और चेहरे पर टपका नुर है।
वो जो चाँद ऊपर है उसकी क्या जरूरत है।।
उसे ही सोचता हूँ ,अब उसे ही ढूँढता हूँ मैं।
ख्वाबों से हकीकत में लाने की अब जरुरत है।।
वो जो सूरत है बड़ी खूबसूरत है।
मोहब्बत से वो नज़रें कुछ बचा के घुमती है पर।।
अक्सर उनकी ही तस्वीर देख देख जीता हूँ।
मिली नहीं तो मर जाऊँगा,मिलने की अब जरुरत है।।
उनकी आँखों से शब्द चुराकर।
मैं अक्सर गजल लिखता हूँ।।
हर गजल में तुम्हे लिखता हूँ।
हर गजल में तेरी ही सूरत है।।
वो जो सूरत है बड़ी खूबसूरत है।
आसमान है मगर सितारे नजर नहीं आते
खुदा को जमीन पर हम जैसे बेचारे नजर नहीं आते.
उसकी शिकायतें तो बहुत है मेरे मोहब्बत के मालिक.
मगर देखता हूं जब उसका मुस्कुराता चेहरा.
ए शिकायत के खयाल दोबारा नहीं आते.
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