गर्मी का कहर शुरू,
एक औरत अकेले कब्रिस्तान मे एक कब्र पर बैठी थी।
एक राहगीर ने पूछा।
मरने के बाद भी ठगे जाओगे साफ दामन वालों,
कफन उन्हें भी सफेद मिलेगा जो शख्स दागदार है।
जाने बाला कमियां देखता हैं,
निभाने बाला काबलियत.!!
चुभन सी होती हैं दिल मे,
जब कोई अपना बेगाना बन जाता हैं यूँही कुछ पल में।
बिना गलती के मिली हुई सजा,
मौत से भी बदत्तर लगती है।
वो छुपती हैं मुझसे इतना भी नही समझती की,
की वो कभी जुदा होती ही नही मेरे दिलसे।
पानी से रिश्ते कागजी ख्वाहिशें और तैरने का वहम,
उफ़्फ़ ज़िन्दगी एक लहर से ज्यादा शायद कुछ भी नहीं।
हाल क्या कहूं लग गई हैं नजर तुम्हारी,
तुम्हारी थी इसलिए अब तक नही उतारी।
कहने लगे वो कि तुम बदतमीज़ हो,
हमने कहा हुज़ूर 'निहायती' भी बोलिए।
अल्फाज तो जमाने के लिये हैं तुम आना,
तुम्हें हम दिल की धडकनें सुनायेंगे l
तलब इतनी कि तुम्हे बाहों में भर लूँ,
पर मजबूरी यह कि तुम दूर बहुत हो।
झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया,
इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होता।
फ़कीरी ये कि तुझसे मिल नहीं सकते,
रईसी ये कि तुझसे इश्क़ करते हैं।
मेरे बुरे वक्त में छोड़ने वालों एक दिन
ऐसा वक्त लाऊंगा कि मिलना पड़ेगा मुझसे वक्त लेकर।
अल्लाह ने हर काम का एक सही वक्त तय कर रखा है,
उससे पहले या उसके बाद में कुछ नहीं हो सकता।
दिल की खामोशी से सांसो के ठहर जाने तक,
मुझे याद रहेगा वो अजनबी मेरे मर जाने तक।
खुदा ही जाने क्यूँ तुम हाथो पे मेहँदी लगाती हो,
बड़ी नासमझ हो फूलों पर पत्तों के रंग चढ़ाती हो।
अब किसी गैर का कब्जा है उनके दिल पर,
यानी बेघर हो गए हैं हम अपना मकान होते हुए ।
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