Love Shayari
अपनी दोस्ती का बस इतना सा असूल है,
जो तू कुबूल है तो तेरा सब कुछ कुबूल है।
क्या ऐसा नहीं हो सकता हम प्यार मांगे,
और तुम गले लगा के कहो,‘और कुछ?
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मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना,
जरा से भी चुके तो महोब्बत हो जायेगी।
दिल तो हर किसी के पास होता हैँ,
लेकिन सब दिलवाले नहीँ होते।
ख़ुदकुशी हराम है साहब,
मेरी मानो तो ईश्क़ कर लो।
एक तो सुकून और एक तुम,
कहाँ रहते हो आजकल मिलते ही नही।
मैं चीज़ Original, तू जाली Note है,
तेरी Body से ज़्यादा, मेरी DP Hot है।
हकीकत कुछ और ही होती है,
हर गुमसुम इंसान पागल नही होता।
हक़ से दो तो तुम्हारी नफरत भी कबूल हमें,
खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें।
थोड़ी खुद्दारी भी लाजिमी थी दोस्तो,
उसने हाथ छुड़ाया तो हमने छोड़ दिया।
ना तड़पाएगी, ना दिल को धड़कायेगी,
अपनी वाली, आने वाली ही होगी तो छप्पड़ फाड़ कर आएगी।
युं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे,
पता नही था की, ‘किमत चेहरों की होती है।
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