Shayariyan
क्यों चार दिन मेहनत के रुक जाते हो,
अरे वक़्त लगता है बीज को फसल बनने मे।
अपनी खुद की ज़िंदगी की मुश्किलों से तुम्हे जो सीख
और अनुभव मिलेगा ना,
वो तुम्हे दुनिया का कोई टीचर नही दे पाएगा।
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व्यक्ति जो चाहे वो बन सकता है अगर वो ध्यान लगाकर उस चीज का चिंतन करे और उसके लिए लगातार मेहनत करे।
जिम्मेदार लड़के अपने पिता की दौलत पर ऐश नही करते,
बल्कि वे जिम्मेदारी लेकर इतनी मेहनत करते है कि बुढ़ापे में उनके पिता को मेहनत ना करनी पड़े।
घमंड किसी का भी नही रहता टूटने से पहले गुल्लक को भी लगता है कि सारे पैसे उसी के है।
मायने नही रखता किसीको कितनी खानदानी दौलत मिली है,
यहाँ राजा वही बनता है जो मेहनत करके खुद को लायक बनाता है
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