Suvichar
रोज लड़ो ओर चाहे खूब झगड़ा करो,
पर परिवार से अलग होने की कभी,
मत सोचो क्योंकि उन पत्तो की कोई
कदर नही होती जो पेड़ से अलग होकर गिर जाते है।
यदि जीवन मे सफल होना हो तो सबसे ज्यादा आप
शब्द का उसके बाद हम शब्द का और सबसे कम
मैं शब्द का उपयोग करना चाहिए।
सब कुछ कॉपी हो सकता है,
मगर चरित्र और व्यवहार नही।
मैंने ताले से सीखा है साथ निभाने का हुनर,
वो टूट गया लेकिन कभी चाभी नहीं बदली।
चापलूसी भी एक कला है जो स्वाभिमान इंसान कभी नही,
सीख सकता और स्वाभिमानी होना भी एक गुण है,
जो चापलूस इंसान में कभी नही हो सकता।
क्यों फिक्र करते हो किसी की इतनी को
वो तुम्हे छोड़ कर चला जायेगा,
जिसको जाना होगा उसको चाहे तुम बांध कर रख लेना वो जाएगा ही,
क्योंकि लोग हाथ छुड़ाकर नही, दिल से छोड़कर जाते है।
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