Ishq Shayari
मुहब्बत कितनी रंगीन है किसी से सुन के देखिये.!!
और मुहब्बत कितनी संगीन है खुद कर के देखिये.!!
खामोशियां पसंद हैं मुझे,
शोर ने काफ़ी जख्म दिए हैं।
मैने भी देखने की हद करदी,
वो भी तस्वीर से निकल आया।
या तू कमाल है या, कलम की कलाकारी है,
जो भी लिखता है तुझे, कमाल लिखता है।
कोई कहे जाके जुगनू से,
उसकी तितली उससे नाराज़ है।
कितने सावन गुजरे तुम्हारी यादो मे,
कोई तो ऐसा सावन दो,जो बीते तुम्हारी बाहों मे।
सिगरेट का धुआं और आपकी बातें,
दोनों हवा में ही अच्छी लगती हैं।
शोर सी है ज़िन्दगी मेरी,
सुकून सा है इश्क़ तेरा।
पसंद तो मै उन्हें सादगी में हूँ,
पर उनके लिये सजना मुझे पसंद हैं।
मेरी तन्हाईयाँ भी शायर हैं, नज़रे अशआर-ए-जाम रहती हैं,
अपनी यादों का सिलसिला रोको, मेरी नींदे हराम रहती हैं।
बहुत खुशनसीब हूँ मैं,
क्योंकि तेरे सबसे करीब हूँ मैं।
Read Also:
0 Comments